歌手:
Arjun Kanungo
专辑:
《Woh Baarishein》 作词 : Manoj Muntashir
作曲 : Arjun Kanungo
वो भी क्या शाम थी
बरसे थे टूट के
बादल जुलाई के हर जगह
हाथों में छत्रीयाँ
दोनो के थी मगर
भीगे थे दोनो ही बेवजह
वो बारिशें क्या हो गई?
क्या हो गई वो बारिशें?
तुम बेनिशां क्यूँ हो गए?
ढूँढू कहाँ तुम्हें?
हज़ारों आँसू मैं संभाले बैठा हूँ
रुलाने आई हैं मुझे जाने क्यूँ यादें
भुलाऊँ कैसे मैं वो सारी बरसातें
गुज़ारी थी हमने जो साथ में
वो बारिशें क्या हो गई?
क्या हो गई वो बारिशें?
तुम बेनिशां क्यूँ हो गए?
ढूँढू कहाँ तुम्हें?
शामें ये नीली सी शामें
आई तो लाई याद तेरी याद
मैं हूँ तेरे बिना तन्हा
लौटा दे मुझे वो भीगा हुआ लम्हा
वो बारिशें क्या हो गई?
क्या हो गई वो बारिशें?
तुम बेनिशां क्यूँ हो गए?
वो बारिशें, वो बारिशें, वो बारिशें क्या हो गई?
क्या हो गई वो बारिशें?
ये दूरियाँ, क्यूँ आ गई
रहना था संग हमें
ढूँढू कहाँ तुम्हें?